विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामें के बीच लोकसभा की बैठक चार बजे तक स्थगित कर दी गई। दूसरे स्थगन के बाद तीसरे पहर दो बजे सदन की बैठक फिर शुरू होने पर, लोकसभा में भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र से वापसी पर विशेष चर्चा आगे शुरू हुई।
इसमें 2047 तक विकसित भारत के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम की विशेष भूमिका पर ध्यान केन्द्रित किया गया। बहस में हिस्सा लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के सदस्य निशिकांत दूबे ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा के समय विपक्ष पर सदन की कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र पर भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री के रूप में देश की एक सौ चालीस करोड़ आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। श्री दूबे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष मिशन की अनदेखी की और इसरो को सुदृढ़ नहीं किया। उन्होंने नम्बी नारायण मामले का हवाला देते हुए कि किस तरह एक राष्ट्रीय ख्याति के वैज्ञानिक को शारीरिक यातना झेलनी पड़ी। परन्तु वे अपना भाषण पूरा नहीं कर सके और विपक्ष के शोरशराबे के बीच लोकसभा की बैठक चार बजे तक स्थगित कर दी गई।