भारत-अमरीका संबंधों पर डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारतीय प्रवासियों का द्विपक्षीय संबंधों में एक बहुत ही सकारात्मक योगदान हैं। उन्होंने कहा कि एच1बी ने भारत-अमरीका संबंधों को मजबूत करने में शीत युद्ध जितना ही योगदान दिया। उन्होंने कहा कि अमरीका में किसी भी अन्य प्रमुख प्रवासी ने अपनी मूल भूमि के साथ इतना गहरा जुड़ाव नहीं रखा है जितना भारतीयों ने रखा है। डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारतीय प्रवासी बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम कर सकते हैं जो भारत-अमरीका संबंधों को अगले स्तर तक ले जाने की क्षमता रखता है।
डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया असाधारण रूप से कठिन दौर से गुजर रही है और अगले पांच वर्षों तक ऐसा ही रहने का अनुमान व्यक्त किया। उन्होंने मध्य पूर्व, यूक्रेन, दक्षिण पूर्व एशिया की घटनाओं और कोविड के निरंतर प्रभाव को चुनौतीपूर्ण बताया। डॉ. जयशंकर ने कहा कि कुछ संबंध अधिक महत्वपूर्ण हो जाएंगे और कुछ अधिक चिंताजनक हो जाएंगे।