श्री जरीफ ने कहा है कि उनके संदेश का अर्थ ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के प्रति निराशा व्यक्त करना नहीं है, लेकिन इससे उपराष्ट्रपति के रूप में रणनीतिक मामलों के लिए उनकी उपयोगिता पर संदेह का संकेत अवश्य पैदा हुआ है। श्री जरीफ ने इस बात पर भी जोर दिया कि चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने श्री पेजेश्कियान के बारे में जो कुछ कहा था उस पर वे अभी भी कायम हैं। उन्होंने ईरान के लोगों से नये राष्ट्रपति और उनके प्रशासन के प्रति समर्थन जारी रखने की भी अपील की।
एक अगस्त को जारी आदेश में ईरान के राष्ट्रपति ने जवाद जरीफ को उपराष्ट्रपति और सामरिक अध्ययन केंद्र के प्रमुख के पद पर नियुक्त किया था। श्री जरीफ पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी के कार्यकाल में 2013 से 2021 तक ईरान के विदेश मंत्री थे।