लद्दाख वास्तविक नियंत्रण रेखा के लिए आरक्षण आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश बंसी लाल भट्ट और लद्दाख तथा जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ने करगिल में नियंत्रण रेखा के निकट विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया। उनकी यात्राओं में उप-संभाग द्रास, मुश्कू घाटी और लाटू, कर्कित तथा काकसर जैसे गांव शामिल हैं। उन्होंने करगिल शहर के निवासियों और स्थानीय प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की।
अपनी यात्रा के दौरान न्यायाधीश बंसी लाल भट्ट ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट रहने वाले लोगों की बुनियादी आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए ग्रामीणों, हितधारकों और वरिष्ठ नागरिकों से बातचीत की। उन्होंने सभी नागरिकों विशेषकर हाशिये पर रहने वाले समुदायों तक न्याय और विकास के अवसरों की पहुंच सुनिश्चित करने के महत्व पर बल दिया।
न्यायाधीश बंसी लाल भट्ट ने मुख्य रूप से आरक्षण नीतियों के माध्यम से कल्याणकारी राज्य के रूप में देश को आकार देने में भारतीय संविधान की निर्णायक भूमिका का उल्लेख किया। आरक्षण नीतियों का उद्देश्य सामाजिक न्याय और समावेशिता को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास में कोई भी व्यक्ति पीछे नहीं रहना चाहिए। श्री भट्ट ने वहां के निवासियों को आश्वस्त किया कि उनकी चिंताओं का निवारण किया जाएगा।
इस यात्रा के दौरान न्यायधीश बंसी लाल भट्ट के साथ आयोग के अपर सचिव शेरिंग मुतुप, एसीआर करगिल मोहम्मद शरीफ और कई स्थानीय पार्षदों सहित मुख्य अधिकारी भी थे।