रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन-डीआरडीओ ने वायु सेना के सुखोई-30 मार्क-1 लडाकू विमान द्वारा अपनी पहली लंबी दूरी तक मार करने वाली ग्लाईड बम फलाईट-गौरव का सफल परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह परीक्षण ओडिशा तट से किया गया। गौरव, हवा में लम्बी दूरी तक मार करने वाला एक हजार किलोग्राम श्रेणी का ग्लाईड बम है। इसे हैदराबाद के अनुसंधान केंद्र-इमारत द्वारा स्वदेशी में निर्मित और विकसित किया गया है। परीक्षण के दौरान ग्लाईड बम ने लांग व्हीलर द्वीप पर स्थित लक्ष्य को सटीकता के साथ भेद दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण के लिए डीआरडीओ और वायु सेना के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक के विकास और सैन्य बलों की दक्षता को बढाने में इसे मील का पत्थर बताया।