आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दी है। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कल नई दिल्ली में कहा कि सरकार ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। पिछले वर्ष की तुलना में एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि रामतिल के लिए 820 रुपये प्रति क्विंटल, रागी के लिए 596 रुपये प्रति क्विंटल, कपास के लिए 589 रुपये प्रति क्विंटल और तिल के लिए 579 रुपये प्रति क्विंटल की सिफारिश की गई है।
इसके अलावा मक्का के एमएसपी में 175 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा में 150 रुपये, ज्वार में 328 रुपये और धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 69 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। दलहनों में अरहर के एमएसपी में 450 रुपए, मूंग में 86 रुपए और उड़द के एमएसपी में 400 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। तिलहन में मूंगफली के एमएसपी में 480 रुपए, सूरजमुखी के बीज में 441 रुपए और सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 436 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।
श्री वैष्णव ने कहा कि इस फैसले से इन फसलों के एमएसपी पर अनुमानित कुल राशि करीब दो लाख करोड़ रुपए से अधिक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि किसानों को उनकी लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत लाभ अवश्य मिले।
मंत्रिमंडल ने मौजूदा 1.5 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज अनुदान योजना को जारी रखने की भी मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को सस्ती ब्याज दर पर अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ब्याज अनुदान योजना से किसानों की कार्यशील पूंजी की लागत कम हुई है। योजना के अंतर्गत चार प्रतिशत की ब्याज दर पर दो लाख रुपये की पूंजी उपलब्ध कराने पर विशेष जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि 449 बैंकों और वित्तीय संस्थानों को किसानों के लिए एकल पोर्टल पर शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भारतीय रेलवे में दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है। इनसे यात्रा सुविधाओं में सुधार होगा, लॉजिस्टिक लागत और तेल आयात में कमी आएगी। परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत तीन हजार 399 करोड़ रुपये है और इन्हें वर्ष 2029-30 तक पूरा किया जाएगा।
श्री वैष्णव ने कहा कि इन परियोजनाओं में रतलाम-नागदा और वर्धा बल्लारशाह रेल लाइनों को मौजूदा दो लाइन से चार लाइन करना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पूरे रेलवे नेटवर्क का खाका पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान के अनुरूप तैयार किया गया है।
श्री वैष्णव ने यह भी बताया कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने डिजाइन-निर्माण-वित्त-संचालन-हस्तांतरण मोड में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-67 पर आंध्र प्रदेश में तीन हजार 653 करोड रुपये से अधिक की लागत से 1008 किलोमीटर से अधिक लंबाई के 4-लेन बडवेल-नेल्लोर गलियारे के निर्माण को मंजूरी भी दी है।
स्वीकृत बडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर आंध्र प्रदेश के तीन औद्योगिक कॉरिडोर में महत्वपूर्ण नोड्स को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।