लोकसभा ने आज व्यापारिक नौवहन विधेयक-2024 पारित कर दिया। यह विधेयक व्यापारिक नौवहन अधिनियम 1958 का स्थान लेगा। भारत समुद्री संधियों और अंतर्राष्ट्रीय समझौतों में एक पक्षकार है। यह विधेयक समुद्री संधियों और अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के तहत भारत के दायित्वों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए व्यापारिक नौवहन से संबंधित कानून में संशोधन करता है। यह विधेयक भारतीय नौवहन के विकास और भारतीय व्यापारिक समुद्री क्षेत्र के कुशल रखरखाव को भी श्रेष्ठ तरीके से राष्ट्रीय हित में सुनिश्चित करेगा।
इस पर चर्चा के उत्तर में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह विधेयक अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सम्मेलन के अनुरूप उन्नत, प्रगतिशील और आधुनिक कानून है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में विश्व की कई श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों को समाहित किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षो में कई सुधार हुए हैं जिनमें समुद्री और नौवहन क्षेत्र में विकास भी शामिल हैं।
चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के कैप्टन ब्रिजेश चौटा ने विधेयक को एक महत्वपूर्ण कानून बताया। श्री चौटा ने कहा कि इससे सुरक्षित समुद्री परिचालन सुनिश्चित होगा। पार्टी के एक अन्य सदस्य मुकेश कुमार चंद्रकांत दलाल ने भी इसी तरह की प्रतिक्रिया इस विधेयक को लेकर दी। उन्होंने कहा कि भारत एक समृद्ध समुद्री परंपरा वाला देश है लेकिन अंग्रेजो के शासन के दौरान इसमें गिरावट आई। उन्होंने कहा कि व्यापारिक नौवहन अधिनियम 1958 अब एक पुराना कानून बन चुका है।