ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन मांझी ने 15 सितंबर को भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस स्टेशन में हुई वारदात की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना में एक सेना अधिकारी और उसकी महिला मित्र को हिरासत के दौरान प्रताड़ित किया गया और महिला पर कथित यौन हमला किया गया था। न्यायिक जांच का नेतृत्व सेवानिवृत्त न्यायाधीश चित्त रंजन दास करेंगे। उन्हें 60 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसके अलावा, उड़ीसा उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश से अपराध शाखा की जांच की निगरानी भी कराई जाएगी।
ओडिशा पुलिस ने भरतपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक सहित पांच कर्मियों को दुर्व्यवहार के आरोप में निलंबित कर दिया था। परन्तु, भुवनेश्वर के पुलिस कमिश्नर प्रतीक सिंह ने पुलिस के खिलाफ आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि रोडरेज की शिकायत करने पहुंचे सेना के अधिकारी और उनकी महिला मित्र नशे में और आपत्तिजनक स्थिति में थे।
पुलिस कमिश्नर का कहना है कि महिला ने अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया और जब एक महिला अधिकारी ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसे थप्पड़ मारा। जिसके बाद सेना अधिकारी और उसकी महिला मित्र के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। बाद में महिला को कई धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।