प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागर विमानन पर दिल्ली घोषणा-पत्र को अपनाने की घोषणा की है। यह घोषणा-पत्र कल नई दिल्ली में दूसरे एशिया-प्रशांत मंत्रीस्तरीय सम्मेलन के समापन पर एकमत से अपनाया गया है। यह घोषणा-पत्र एशिया-प्रशांत क्षेत्र के नागर विमानन क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग, उभरती चुनौतियों से निपटने और सतत विकास को बढावा देने पर केंद्रित एक व्यापक रूपरेखा है।
इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस दशक की समाप्ति तक भारत एक अग्रणी विमानन केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ रहा है। आने वाले वर्षों में भारत विश्व के अत्यधिक संपर्क वाले क्षेत्रों में से एक होगा। श्री मोदी ने कहा कि भारत आज वैश्विक नागर विमानन पारिस्थितिकी तंत्र का एक सशक्त स्तंभ है। भारत में नागर विमानन क्षेत्र का विकास अभूतपूर्व तरीके से हो रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी हो चुकी है। देश अब विमानन समावेशी बन चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे शहरों और नगरों में रहने वाले निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के लोग भी हवाई यात्रा कर रहे हैं जबकि पहले ज्यादातर बडे शहरों के लोग हवाई यात्रा करते थे।