उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि संविधान की विषय-वस्तु निर्धारित करने में निर्वाचित प्रतिनिधि ही सुप्रीम हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि संसद सर्वोच्च है और संविधान में संसद से ऊपर किसी की कल्पना नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि संविधान लोगों के लिए है और यह देश के प्रत्येक व्यक्ति जितना ही सर्वोच्च है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के लोगों ने संविधान के तहत अपने प्रतिनिधियों को चुना है, जिससे वे अपनी अभिव्यक्ति, अपनी इच्छा को दर्शा सकें और वे चुनावों के दौरान इन प्रतिनिधियों को जवाबदेह ठहराते हैं। श्री धनखड़ ने कहा कि संविधान लोगों के लिए है और इसकी सुरक्षा का जिम्मा चुने हुए प्रतिनिधियों का है। सर्वोच्च न्यायालय के दो विरोधाभासी बयानों का हवाला देते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि गोलकनाथ मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है और केशवानंद भारती मामले में उसने कहा कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है।