जम्मू-कश्मीर में जम्मू क्षेत्र के रामबन जिले के सेरी बागना इलाके में मूसलाधार वर्षा के बाद चट्टानें खिसकने से सड़कें बंद होने के कारण कल रात से राहत और बचाव अभियान चल रहा है। इस त्रासदी में दो बच्चों और एक वृद्ध सहित तीन लोगों की मौत हो गई। 100 से अधिक लोगों को बचाया गया। अधिकारियों ने बताया कि रामबन क्षेत्र और आसपास के इलाकों में कल रात ओले पडे और कई स्थानों पर मिट्टी धंसने की घटनाएं हुईं। अचानक आई बाढ़ से रामबन में कई भवन ढह गए और श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज सुबह रामबन जिले में लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ के कारण हुई मौतों पर दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल, जमीनी स्तर पर स्थिति को संभालने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा संबंधी परामर्श का पालन करें और संवेदनशील क्षेत्रों में अनावश्यक आवाजाही से बचें।
इस बीच, ऐतिहासिक वैकल्पिक राष्ट्रीय राजमार्ग, मुगल रोड वाहनों के आवागमन के लिए फिर से खोल दिया गया है। यह मार्ग जम्मू संभाग के राजौरी और पुंछ जिलों को कश्मीर घाटी के शोपियां जिले से जोड़ता है। आकाशवाणी जम्मू संवाददाता ने खबर दी है कि ताजा बर्फबारी के कारण एक दिन तक बंद रहने के बाद राजमार्ग को केवल पुंछ से शोपियां की ओर जाने वाले हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) के लिए खोला गया है। परन्तु, मौसम और मार्ग की खराब हालत के कारण जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग -एनएच-44, श्रीनगर-सोनमर्ग-गुमरी-एसएसजी रोड और सिंथन रोड बंद है। अधिकारियों ने अगली सूचना जारी होने तक यात्रियों को इन मार्गों से बचने की सलाह दी है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे आधिकारिक चैनल के जरिए स्थिति की ताजा जानकारी प्राप्त करें। उन्हें ट्रैफिक पुलिस के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल और फेसबुक के जरिए ताजा स्थिति से भी अवगत रहने को कहा गया है।