राज्यसभा की कार्यवाही आज हंगामे के कारण दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दी गई। समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन की 16वीं सदी के राजपूत शासक राणा सांगा पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मुद्दे पर शोर-शराबे के कारण कार्यवाही स्थगित हुई। इससे पहले आज सुबह जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया और रामजी लाल सुमन से उनकी टिप्पणियों के लिए माफी की मांग की।
सभापति जगदीप धनखड ने कहा कि देश की महान विभूतियों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए और संसद सदस्यों को ऐसे लोगों के बारे में बात करते समय संवेदनशील होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, जिससे लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं।
संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सांसदों को सभापति द्वारा कही गई बातों का पालन करना चाहिए और राष्ट्रीय नायकों का अपमान नहीं करना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से समाजवादी पार्टी के नेता के बयान की निंदा करने की मांग की।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देश के लिए लड़ने वाले हर व्यक्ति का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सांसदों के घरों पर हमला करना और कानून का उल्लंघन करना उचित नहीं है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने समाजवादी पार्टी सांसद की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह निंदनीय है। उन्होंने श्री खरगे पर इस मुद्दे को जातिगत रंग देने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
उधर, लोकसभा में भी राणा सांगा पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़ा मुद्दा आज उठा। शून्यकाल के दौरान भाजपा के राव राजेंद्र सिंह ने मुद्दा उठाया और समाजवादी पार्टी सांसद की टिप्पणी पर आपत्ति जताई।
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राणा सांगा प्रेरणास्रोत हैं और देश ऐसे नायकों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव को भी बोलने की अनुमति दी गई, लेकिन शोरगुल के कारण वे अपना बयान पूरा नहीं कर सके। इस बीच हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।