प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारत और चीन के बीच विवादों और मतभेदों को उचित ढंग से सुलझाने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि इनसे शांति और सद्भावना में बाधा नहीं पहुंचनी चाहिए। श्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ कजान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से अलग द्विपक्षीय बैठक की।
बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने माना कि भारत-चीन सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की जल्दी ही बैठक होगी जिसमें सीमा क्षेत्रो में शांति और सद्भावना बनाए रखने के तरीकों की समीक्षा की जाएगी और सीमा के प्रश्न पर उचित और परस्पर स्वीकार्य समाधान ढूढा जाएगा। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच स्थिर और सद्भावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इससे क्षेत्रीय शांति और समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पडेगा। दोनों देशों के सद्भावपूर्ण संबंध एशिया और बहुधुव्रीय विश्व में अपना योगदान देंगे। दोनों नेताओं ने माना कि द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाकर विकास की चुनौतियों से निपटने में सहयोग के रास्तों पर ले जाना होगा। 2020 में सीमा से जुडे जो मुद्दे उभरे थे उनके समाधान के लिए हाल में हुए समझौते का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीमा पर शांति और सद्भावना सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए तथा परस्पर विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता भारत-चीन संबंधों का आधार बना रहना चाहिए।
कजान में दोनो नेताओं की बैठक के बारे में मीडिया से बातचीत में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब दोनो देशों के बीच 2020 में भारत-चीन सीमा पर उभरे विवादों के समाधान और सीमा पर गश्त का समझौता हुआ है। उन्होंने कहा कि दोनो पक्षों ने पिछले कई हफ्तों में लगातार कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से निरंतर बातचीत के बाद यह समझौता किया है। श्री मिसरी ने बताया कि भारत-चीन सीमा मुद्दे विशेष प्रतिनिधियों ने इस समझौते ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि दोनो नेताओं का स्पष्ट मत है कि स्थिर द्विपक्षीय संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और समृद्धि पर साकारात्मक प्रभाव डालेंगे।
श्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान चीन के राष्ट्रपति ने कहा कि दोनो देशों के बीच और अधिक संवाद और सहयोग होना चाहिए तथा मतभेदों और विवादों को सही ढंग से सुलझाना होगा। उन्होंने कहा कि दोनो देशों को एक-दूसरे की विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने में सहयोग करना होगा।
बाद में श्री मोदी ने कहा कि भारत-चीन संबंध दोनो देशों के लोगों तथा क्षेत्रीय और वैश्विक शांति तथा स्थिरता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा कि परस्पर विश्वास, परस्पर सम्मान और परस्पर संवेदनशीलता दोनो देशों के आपसी संबंधों को दिशा देंगे।