दक्षिण कोरिया की संसद में आज राष्ट्रपति यून सुक येओल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित हो गया। राष्ट्रपति यून ने इस महीने की शुरुआत में देश में अल्पकालिक मार्शल लॉ लगा दिया था। मार्शल लॉ की घोषणा के बाद राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था।
नेशनल असेम्बली में प्रस्ताव के पक्ष में 204 मत और विपक्ष में 85 मत पडे। संसद में महाभियोग के बाद संवैधानिक न्यायालय द्वारा राष्ट्रपति को पद पर बरकरार रखने या हटाने के निर्णय तक उनकी शक्तियां निलंबित रहेंगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार न्यायालय का निर्णय आने तक राजद्रोह के आरोप में जांच का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून के देश छोडने पर भी प्रतिबंध रहेगा। राष्ट्रपति को हटाने के न्यायालय के निर्णय के बाद 60 दिनों के भीतर चुनाव कराना होगा। न्यायालय द्वारा महाभियोग को बरकरार रखे जाने की स्थिति में यून वर्ष 2017 में पूर्व राष्ट्रपति पार्क गुन हे के बाद दक्षिण कोरिया के इतिहास में महाभियोग द्वारा पद से हटाये जाने वाले दूसरे राष्ट्रपति बन जायेंगे। मार्शल लॉ लगाने को लेकर राष्ट्रपति यून को हटाने का पहला प्रयास असफल होने के एक सप्ताह बाद इस मुद्दे पर दोबारा मतदान हुआ है।