जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में सेरीबगना में आज बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों में दो बच्चे और एक बुजुर्ग शामिल हैं। खराब मौसम के कारण धरम कुंड गांव में करीब 40 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अबतक सौ से अधिक लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि बादल फटने की घटना आज सुबह हुई थी। रामबन और उसके आसपास इलाकों में कल रातभर ओलावृष्टि हुई और तेज हवाएं चलती रहीं। कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं भी हुईं। रामबन के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने आकाशवाणी को बताया कि कल रातभर तेज बारिश होने की वजह से भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं के कारण रामबन में कई संपत्तियां नष्ट हो गईं और जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई वाहनों को नुकसान पहुंचा।
इस बीच भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोनों दिशाओं में वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। अधिकारियों ने यात्रियों को मौसम की स्थिति में सुधार होने तक यात्रा से बचने की सलाह दी है। श्रीनगर-सोनमर्ग-गुमरी रोड, ऐतिहासिक मुगल रोड और सिंथन टॉप रोड भी बंद हैं। रामबन जिला
प्रशासन ने जिला नियंत्रण कक्ष के दो नंबर -01998-295500, 01998-266790 जारी किए हैं। इन पर आपात स्थिति में कभी भी संपक किया जा सकता है।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जान-माल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। दोनों नेताओं ने प्रभावित लोगों की पूरी मदद करने और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य चलाए जाने का आश्वासन दिया है। एक सोशल मीडिया पर पोस्ट में जितेंद्र सिंह ने कहा है कि वे रामबन जिले के उपायुक्त के साथ लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को वित्तीय और अन्य सभी तरह की सहायता प्रदान की जा रही है।