केंद्र सरकार ने एक प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी और उनके अन्य ब्यौरों की जांच करने के लिए एक सदस्यीय समिति गठित की है। सुश्री पूजा खेडकर पर एक सिविल सेवक के रूप में अपने अधिकारों के कथित दुरूपयोग के हाल के विवाद पर यह जांच हो रही है।
कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय ने घोषणा की है कि एक अपर सचिव स्तर के अधिकारी की नेतृत्व वाली यह समिति दो सप्ताह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। यह जांच सुश्री खेडकर के आचरण और शिक्षा से संबंधित आरोपों के परिदृश्य में की जा रही है।
सुश्री खेडकर महाराष्ट्र काडर की 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 841वां स्थान प्राप्त हुआ था। सुश्री खेडकर अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल लाल-नीली बीकन लाइट और वीआईपी नंबर प्लेट के साथ करने पर हाल ही में विवाद में पड़ गई। उन्होंने कथित रूप से ऐसी सुविधाओं की मांग की जो प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए नहीं होती हैं। पुणे के कलेक्टर सुहास दिवसे की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुश्री खेडकर ने कई बार एक अलग कक्ष, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी सहित विशेष सुविधाओं की मांग की।
ये सुविधाएं तीन जून को उनके प्रशिक्षण की आधिकारिक शुरुआत होने से पहले मांगी गई थी। ये निवेदन खारिज कर दिए गए। आईएएस प्रशिक्षु अधिकारी पर पुणे के कलेक्टर के कार्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी की नेम प्लेट हटाने का भी आरोप है। इस विवाद के कारण सुश्री खेडकर का स्थानांतरण पुणे से मध्य महाराष्ट्र के वाशिम में कर दिया गया।