विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आज नई दिल्ली में सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा, सुरक्षा, संस्कृति और राजनयिक मामलों सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की। उन्होंने परस्पर हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।
दोनों मंत्रियों ने भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद -एसपीसी की राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक समिति-पीएसएससी की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक की भी सह-अध्यक्षता की। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री प्रिंस मोहम्मद-बिन-सलमान-बिन-अब्दुल-अज़ीज़-अल-सऊद सितंबर 2023 में भारत आएंगे।
डॉ. जयशंकर ने वहाँ रहने वाले 2.65 मिलियन भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए सऊदी विदेश मंत्री की सराहना की, जिन्होंने दोनों देशों के बीच लोगों के बीच मजबूत संबंधों में योगदान दिया है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत और सऊदी अरब रक्षा और सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं। दोनों देश आतंकवाद का मुकाबला करने, उग्रवाद से निपटने, आतंक के वित्तपोषण और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने कहा कि भारत के साथ संबंध सहयोग और परस्पर सम्मान की दीर्घकालिक नींव पर बने हैं। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए साझा चिंता के मुद्दों पर अपनी स्थिति को आगे बढाना जारी रखेगा।
सऊदी विदेश मंत्री दो दिन की भारत यात्रा पर कल दिल्ली पहुंचे थे। हमारे संवाददाता ने बताया है कि भारत और सऊदी अरब के बीच सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं जो सदियों पुराने आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाते हैं। भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है जबकि सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। पिछले वित्तीय वर्ष में द्विपक्षीय व्यापार 52 दशमलव सात छह अरब डॉलर था।