आज दुनिया भर में लिवर की बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को तैलीय और चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करके स्वस्थ जीवनशैली अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए विश्व लिवर दिवस मनाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में लिवर की बीमारियाँ, मृत्यु का 10वाँ सबसे आम कारण हैं। हेपेटाइटिस बी, सी और हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा जैसी बीमारियाँ अक्सर खराब जीवनशैली के कारण होती हैं, जिसमें शराब और नशीली दवाओं का अत्यधिक सेवन, नुकसान दायक खाद्य पदार्थों का लंबे समय तक सेवन, निष्क्रीय जीवनशैली और व्यायाम की कमी शामिल है।
इस दिन को मनाने के लिए, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज नई दिल्ली में स्वस्थ लिवर – स्वस्थ भारत कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि होंगे।
इस वर्ष के विश्व लिवर दिवस की थीम ‘भोजन ही औषधि है’ है। यह थीम लिवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने और संपूर्ण खाद्य पदार्थों से भरपूर संतुलित आहार के माध्यम से लिवर की बीमारियों को रोकने में पोषण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देती है। यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे आहार विकल्प लिवर के कार्य का समर्थन कर सकते हैं और चयापचय संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम कर सकते हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने लोगों से खाने में तेल की मात्रा दस प्रतिशत तक कम करने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का आग्रह किया है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में जोर देकर कहा कि अगर भोजन को दवा के तौर पर लिया जाए तो छोटे बदलावों से बड़े परिणाम हासिल हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री नड्डा की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए इस पहल को विश्व लिवर दिवस को ध्यान में रखते हुए खान-पान और स्वस्थ जीवन शैली पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सराहनीय प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि तेल की मात्रा में कमी करने जैसे साधारण बदलाव बहुत प्रभावी हो सकते हैं। श्री मोदी ने सभी से मोटापे के बारे में जागरूकता फैलाकर स्वस्थ भारत के निर्माण में शामिल होने का आह्वान किया।