अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि उन्होंने 12 देशों को पत्र लिखकर उन वस्तुओं पर शुल्कों के विभिन्न स्तरों की रूपरेखा तैयार की है, जिनका वे अमरीका को निर्यात करते हैं। उन्होंने प्रस्तावों को ‘इसे ले लो या छोड़ दो’ प्रस्ताव बताया।
श्री ट्रंप ने कहा कि पत्रों में अलग-अलग शुल्क दर और राशि शामिल हैं। उन्होंने संकेत दिया कि कुछ टैरिफ 70 प्रतिशत तक जा सकते हैं और इस साल 1 अगस्त से प्रभावी हो सकते हैं।
अप्रैल में, ट्रंप ने अधिकांश आयातों पर 10 प्रतिशत शुल्क की घोषणा की थी। इसमें चीन सहित कई अन्य देशों पर उच्च शुल्क लगाया गया था। हालांकि, उच्च शुल्क दर अस्थायी रूप से 9 जुलाई तक रोक दी गई थी। अब तक, अमरीका ने ब्रिटेन और वियतनाम के साथ व्यापार समझौतों को अंतिम रूप दिया है।
हालांकि, भारत किसी समझौते पर नहीं पहुंचा है। मुख्य मुद्दा भारत के कृषि और डेयरी बाजारों तक अधिक पहुंच के लिए अमरीका की मांग है, जिसे भारत छोटे किसानों पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण संवेदनशील मानता है।
भारत को उम्मीद है कि 9 जुलाई से पहले अंतरिम समझौते पर पहुंचकर वह ट्रंप के प्रस्तावित 26 प्रतिशत टैरिफ से बच जाएगा। भारत कपड़ा और जूते जैसे अपने निर्यात पर टैरिफ में कटौती की भी मांग कर रहा है। परन्तु, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत समय सीमा के दबाव में किसी भी समझौते पर जल्दबाजी नहीं करेगा। देश, राष्ट्रीय हित के सौदों पर ही हस्ताक्षर करेगा।