केदारनाथ आपदा में ध्वस्त हुए रामबाड़ा-गरुड़चट्टी मार्ग को पुनर्जीवित करने का कार्य तेजी से जारी है। पांच दशमलव तीन-पांच किलोमीटर लंबे इस ऐतिहासिक मार्ग को इस वर्ष के मध्य तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इस रास्ते के पुनर्निर्माण से गरुड़चट्टी में भी रौनक लौटने की उम्मीद है, जो 2013 की आपदा के बाद वीरान पड़ा था।
बीते वर्ष जून में शुरू हुए इस कार्य में 200 मजदूर लगे थे, और वर्तमान में 90 मजदूर, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, पहाड़ी को काटकर रास्ता बनाने में जुटे हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार अगले तीन माह में कटान कार्य पूरा कर लिया जाएगा, जिसके बाद पत्थर बिछाने और पैराफिट निर्माण का काम किया जाएगा। इस मार्ग के बनने से केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा में सुविधा मिलेगी और गरुड़चट्टी का प्राचीन हनुमान मंदिर व गरुड़ जी का मंदिर भी श्रद्धालुओं के लिए सुगमता से उपलब्ध होगा।
2013 की केदारनाथ आपदा में रामबाड़ा से केदारनाथ तक करीब आठ किमी मार्ग पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था, जिससे गरुड़चट्टी का संपर्क कट गया था। 2014 में मंदाकिनी नदी के दूसरी ओर 9 किलोमीटर नया मार्ग बनाया गया, जो बीते एक दशक से यात्रा के लिए उपयोग में लाया जा रहा है।
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता विनय झिक्वांण ने बताया कि रामबाड़ा-गरुड़चट्टी मार्ग को पुनर्जीवित करने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है और आगामी यात्राकाल तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।