केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने लोकसभा अध्यक्ष के पद को लेकर विपक्षी इंडिया गठबंधन के रुख पर सवाल उठाया है। संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष के लिए समर्थन देने को लेकर जिस तरह से उपाध्यक्ष के पद की शर्त लगाई है वह सही नहीं है। श्री पासवान ने कहा कि उन्हें याद नहीं आता कि आजादी के बाद कभी लोकसभा अध्यक्ष के पद पर चुनाव हुआ है। उन्होंने कहा कि यदि इस पद के लिए चुनाव होता है तो भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार श्री ओम बिरला की जीत निश्चित है।
केंद्रीय मंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के नेता राम मोहन नायडू ने कहा कि शर्त रखना अनुचित है क्योंकि लोकतंत्र शर्तों पर नहीं चलता। उन्होंने कहा कि सरकार ने विपक्ष को विश्वास में लेने की कोशिश की लेकिन विपक्ष ने उपाध्यक्ष के पद को लेकर अपनी शर्त रख दी।
इस बीच लोकसभा अध्यक्ष के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के. सुरेश ने कहा है कि परंपरा के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष का पद सत्ता पक्ष तथा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के पास रहता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले दो कार्यकाल में भी विपक्ष को यह जिम्मेदारी नहीं दी।