आज सुबह ढाका में आरक्षण सुधार प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में एक युवक की मौत हो गई और देश के विभिन्न हिस्सों में कई लोग घायल हुए हैं।
कानून और व्यवस्था को बनाये रखने के लिए पूरे देश में विभिन्न पुलिस एजेंसियों के अलावा सरकार ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश- बी जी बी की 229 दस्तों की तैनाती की है।
इस बीच, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कल देश में जारी आन्दोलन के दौरान हाल की घटनाओं में छह लोगों की हुई मौत के संबंध में न्यायिक जांच कराने की घोषणा की है।
विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी और शिक्षक पहली जुलाई से सरकारी नौकरियों में आरक्षण सुधार की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को देशभर में रोजगार में आरक्षण के विरूद्ध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी से संबंधित विद्यार्थी संगठनों के बीच हुई झड़प में छह विद्यार्थियों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गये थे।
हाईकोर्ट द्वारा 5 जून 2024 को सुनाये गये एक फैसले की प्रतिक्रिया में विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हुई थी। कोर्ट के इस फैसले में सरकारी नौकरी में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण को गैर कानूनी बताते हुए 2018 के सरकारी परिपत्र में रद्द करने की घोषणा की गई थी।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने सरकारी नौकरी में आरक्षण सुधार की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों की रक्षा करने के प्रति बांग्लादेश सरकार से आग्रह किया है। मंगलवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि बांग्लादेश की स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र पूरी तरह अवगत है।
बांग्लादेश के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने मंगलवार रात कहा कि विद्यार्थियों की रक्षा के लिए अगले नोटिस तक सभी सार्वजनिक और निजी विश्वविद्यालय, इससे संबंधित आयुर्विज्ञान कॉलेज और अन्य संस्थान बंद रहेंगे।
बांग्लादेश की स्वाधीनता के बाद स्वाधीनता सेनानियों के लिए नौकरी में तीस प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। 1997 में सरकार ने स्वाधीनता सेनानियों के बच्चों के लिए नौकरी के आरक्षण में विस्तार किया था। वर्ष 2010 में स्वाधीनता सेनानियों के पोते-पोतियों को आरक्षण देने का प्रावधान करके इसमें और विस्तार किया गया था।