प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जापान की यात्रा पर रवाना हो गए हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी की जापान की आठवीं यात्रा होगी। वे इस दौराने जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ पहली शिखर वार्ता करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि जापान और चीन की उनकी यात्रा भारत के राष्ट्रीय हितों और प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाएगी । उन्होंने कहा कि यह यात्रा क्षेत्रीय तथा वैश्विक शांति, सुरक्षा और सतत विकास को आगे बढ़ाने में सार्थक सहयोग के निर्माण में योगदान देगी। 15वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए जापान की अपनी यात्रा शुरू करने से पहले अपने वक्तव्य में, श्री मोदी ने कहा कि उनका ध्यान भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के अगले चरण को आकार देने पर होगा, जिसने पिछले ग्यारह वर्षों में निरंतर और महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने आगे कहा कि जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और वे सहयोग को नई उड़ान देने, भारत-जापान आर्थिक और निवेश संबंधों के दायरे तथा महत्वाकांक्षाओं का विस्तार करने, और एआई तथा सेमीकंडक्टर सहित नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के लोगों को जोड़ने वाले सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का भी एक अवसर होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जापान से, वह राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत इस संगठन का एक सक्रिय और रचनात्मक सदस्य है। श्री मोदी ने कहा कि भारत साझा चुनौतियों का समाधान करने और क्षेत्रीय सहयोग को गहरा करने के लिए इसके सदस्यों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वह शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य नेताओं से मिलने के लिए उत्सुक हैं।