युवा कार्य और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा है कि भारत 2030 के यूथ ओलिंपिक और 2036 में ग्रीष्मकालीन ओलिंपिक खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करेगा। वे आज नई दिल्ली में एशिया ओलिंपिक परिषद की 44वीं महासभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने खेल बजट को 2014-15 के लगभग 143 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर वर्तमान में लगभग 470 मिलियन डॉलर कर दिया है। श्री मांडविया ने कहा कि इस सहायता ने एशियाई खेलों में 107 पदक और एशियाई पैरा खेलों में 111 पदक के साथ देश के असाधारण खेल प्रदर्शन में काफी योगदान दिया है। उन्होंने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि कोई भी एथलीट हारने वाला नहीं होता है, केवल विजेता और सीखने वाले होते हैं। श्री मांडविया ने कहा कि खेल प्रतिस्पर्धा से परे हैं और ये देशों को एकजुट करते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि एशियाई ओलिंपिक परिषद स्वयं में इस तथ्य का प्रमाण है कि खेल किस तरह से लोगों को एक साथ ला सकते हैं और भाईचारे की भावना बढा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर लिए गए निर्णय एशियाई एथलीटों के भविष्य और पूरे महाद्वीप में व्यापक खेल परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
भारतीय ओलिंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हो रहा है, जब विश्व लगातार विकसित हो रहे वैश्विक खेल परिदृश्य में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि ओलंपिक खेल विभिन्न देशों के बीच आशा, एकता और शांति की भावना को बढ़ाते हैं।