प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज थिअनचिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन से अलग म्यांमां के सुरक्षा और शांति आयोग के अध्यक्ष, वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से मुलाकात की। बैठक के दौरान, श्री मोदी ने कहा कि भारत अपनी पड़ोस प्रथम, एक्ट ईस्ट और हिंद-प्रशांत नीतियों के तहत म्यांमां के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और विकास कार्यों, रक्षा तथा सुरक्षा, सीमा प्रबंधन और सीमा व्यापार सहित द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर आगे की रणनीति पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पहले से जारी संपर्क परियोजनाओं की प्रगति दोनों देशों के लोगों के बीच बेहतर संचार को बढ़ावा देगी, और इससे भारत की एक्ट ईस्ट नीति के अनुरूप क्षेत्रीय सहयोग और एकीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि म्यांमां में आगामी चुनाव सभी हितधारकों को शामिल करते हुए निष्पक्ष और समावेशी तरीके से संपन्न होंगे। श्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत म्यांमां के नेतृत्व वाली शांति प्रक्रिया का समर्थन करता है। भारत का मानना है कि शांतिपूर्ण बातचीत और आपसी विमर्श ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। उन्होंने म्यांमां की विकासात्मक आवश्यकताओं का समर्थन करने के लिए भारत की तत्परता को भी दोहराया।