भारत को 2030 तक जहाजरानी क्षेत्र में शीर्ष 10 देशों और 2047 तक शीर्ष 5 देशों में शामिल करने के लिए सरकार जल्द ही एक नई पोत, निर्माण और मरम्मत नीति लेकर आएगी। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव टी.के.रामचंद्रन ने कहा है कि भारतीय जहाजरानी बाजार की जरूरतों से उत्पन्न जबरदस्त मांग को भारतीय शिपयार्ड पर्याप्त रूप से लक्षित करता है। इसके कारण 2047 तक 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के अवसर निर्माण हो सकते हैं। श्री रामचंद्रन ने कल इस मुद्दे पर एक कार्यशाला की अध्यक्षता की, जिसमें विभिन्न सरकारी मंत्रालयों, विभागों, शिपिंग ऑपरेटरों और सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ निजी शिपयार्ड सहित 50 संगठनों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि बैठक में भारत के भीतर जहाज निर्माण और मरम्मत तंत्र को फिर से सक्रिय करने और इसे भारत के महत्वाकांक्षी मैरीटाइम इंडिया विजन-2030 (एमआईवी-2030) और अमृत काल विजन-2047 के साथ समन्वित करने की रणनीतियों पर चर्चा की गई। एमआईवी-2030 ने जहाज निर्माण और मरम्मत के क्षेत्र में भारत की वैश्विक रैंकिंग को 20वें स्थान से आगे बढ़ाकर शीर्ष 10 तक पहुंचाने का एक साहसिक लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी प्रकार अमृतकाल विजन-2047 में इस क्षेत्र को शीर्ष 5 स्थानों में शामिल होने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है।