बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार चरम पर है। इस चरण में मंगलवार को 20 जिलों की एक सौ 22 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा।
एनडीए, महागठबंधन और अन्य दलों के वरिष्ठ नेताओं ने आज राज्य भर में रैलियां और जनसभाएं कर अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास किया। वरिष्ठ भाजपा नेता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेतिया में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस को विकास की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों दलों के नेता विकास और रोज़गार के मुद्दे पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सीतामढ़ी में एक अन्य जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने बिहार के लोगों का विश्वास फिर से स्थापित किया है और अब निवेशक राज्य में आने के लिए उत्सुक हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने दिनारा में चुनाव प्रचार करते हुए कहा कि बिहार के विकास के लिए स्थिर सरकार की जरूरत है और यह स्थिरता एनडीए के सत्ता में लौटने पर आएगी। भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुपौल में एक जनसभा में आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस घुसपैठियों का समर्थन करते हैं। जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहानाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनके, बिहार की कमान संभालने के बाद राज्य में भय का माहौल खत्म हो गया है। भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आज कई जनसभाओं को संबोधित किया।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने पूर्णिया में एक रैली को संबोधित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए बिहार में 20 साल से सत्ता में है, लेकिन फिर भी रोजगार के लिए पलायन एक बड़ी समस्या बनी हुई है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने गया जिले के बाराचट्टी में कहा कि उनकी असली लड़ाई बेरोजगारी के खिलाफ है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मधुबनी के राजनगर में एक जनसभा को संबोधित किया। विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख और महागठबंधन के उप-मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार मुकेश सहनी ने कहा कि राज्य के युवा बदलाव चाहते हैं। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एनडीए की आलोचना करते हुए कहा कि बिहार में कारखानों और नौकरियों की कमी है। उन्होंने कहा कि मतदाता राज्य में रोज़गार के अवसर और औद्योगिक विकास की मांग कर रहे हैं।