केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भोपाल में सम्पन्न दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट सिर्फ मध्यप्रदेश की नहीं, यह देश की उपलब्धि है। उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिए उठाए गए कदम भारत के विकास को भी गति देने का कार्य कर रहे हैं। मध्य प्रदेश निश्चित ही प्रमुख उद्योग राज्य बनेगा। मध्यप्रदेश में निवेशकों में निवेश करने के प्रति विश्वास बढ़ा है।
भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय परिसर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन सत्र को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसने जनविश्वास अधिनियम, ईज ऑफ डूइंग के माध्यम से पहल की है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सूत्र वाक्य ’विरासत भी और विकास भी’ को मध्यप्रदेश चरितार्थ कर रहा है। यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट बहुत सफल रही है। इसकी सफलता के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी टीम बधाई और अभिनंदन की पात्र हैं।
समिट के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने 2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है, इसलिए समिट के बाद निवेश और औद्योगिक निवेश के प्रयास जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि पहले निवेशक अधिकारियों के पीछे भागते थे, लेकिन हमारी सरकार ने यह नीतिगत बदलाव किया है कि अब अधिकारी निवेशकों से संपर्क करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि इंदौर और भोपाल को मेट्रोपॉलिटन की तरह विकसित किया जाएगा। इसी के साथ प्रदेश के अन्य शहरों को इंदौर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 100 से अधिक उद्योगपति शामिल हुए। इसी तरह 60 से ज्यादा देशों और 300 से ज्यादा कंपनियों के सीईओ की भागीदारी रही। समिट में विभिन्न क्षेत्रों के कुल मिलाकर 25 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए। दो दिन के समिट में कुल 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले।