दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने दावा किया है कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने शहर में कई स्थानों पर बने धार्मिक स्थलों को हटाने की मंजूरी दी है। इस बारे में मुख्यमंत्री आतिशी ने आज एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इस मामले को भाजपा लगातार नकार रही है, लेकिन केंद्र सरकार के अधीन धार्मिक कमेटी ने 22 नवंबर को अपनी बैठक में कई धार्मिक तोड़ने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनकी सरकार पुजारियों-ग्रंथियों को 18 हजार रुपए महीना देने की घोषणा कर रही है, लेकिन भाजपा, शहर के धार्मिक स्थलों को तोड़ने का आदेश दे रही है। उन्होंने इस आदेश को वापिस लेने की अपील की है।
वहीं, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने मुख्यमंत्री के इस दावे की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि धार्मिक समिति की अध्यक्षता दिल्ली सरकार के गृह मंत्री करते हैं और मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल को रिपोर्ट देते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा है कि क्या उनकी सरकार के गृह विभाग ने ऐसी कोई सिफारिश की है। श्री सचदेवा ने कहा है कि धार्मिक स्थलों को तोड़ने सम्बंधी बयान देकर मुख्यमंत्री ने साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपने बयान को वापिस लेने की मांग की है।