उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि भारत दो वर्षों में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि देश अभी विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था है। नई दिल्ली में आज 10वें अंतर्राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र प्रगति कर रहा है। यह प्रगति अजेय है। आर्थिक राष्ट्रवाद को लेकर श्री धनखड़ ने कहा कि यह देश की आर्थिक वृद्धि के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आर्थिक राष्ट्रवाद विदेशी मुद्रा को बचाने और रोजगार सृजित करने तथा देश में उद्यमशीलता के अवसर पैदा करने में सहायक होगा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ का मंत्र दिया है। उन्होंने कहा कि हथकरघा उत्पाद इस अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने लोगों से हथकरघा उत्पादों का उपयोग करने का आग्रह किया। श्री धनखड़ ने कहा कि हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने में सहकारी क्षेत्र एक निर्णायक भूमिका निभा सकता है। इस अवसर पर श्री धनखड़ ने हथकरघा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए हथकरघा बुनकरों को संत कबीर पुरस्कार और राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार प्रदान किए। इससे पहले वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हथकरघा क्षेत्र सतत और ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक हथकरघा व्यापार में देश 90 प्रतिशत योगदान करता है।