केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख को सम्मानित किया। हाल ही में, दिव्या देशमुख फिडे महिला शतरंज विश्व कप फाइनल जीतकर भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर बनीं थीं। भारतीय शतरंज खिलाड़ी दिव्या और अनुभवी ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने हाल ही में जॉर्जिया में शानदार प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित किया।
कोनेरू हम्पी को भी सम्मानित किया गया। वे इस समारोह में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुईं। कार्यक्रम में डॉक्टर मांडविया ने दिव्या देशमुख और कोनेरू हम्पी के प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये दोनों ग्रैंडमास्टर भावी पीढ़ी को प्रेरित करेंगी। उन्होंने कहा कि अब और अधिक युवा खेलों, विशेषरूप से शतरंज में रुचि लेंगे। इस वर्ष अक्तूबर में गोवा में फिडे पुरुष विश्व कप 2025 का आयोजन किया जाएगा।
डॉ. मंडाविया ने कहा कि महिला शतरंज विश्व कप में भारत की जीत न केवल भारत के खेल कौशल का प्रमाण है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निर्मित मजबूत खेल व्यवस्था को भी उजागर करती है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा खेल व्यवस्था को बदलने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। डॉ. मांडविया ने कहा कि खेलो इंडिया नीति की हाल ही में घोषणा की गई थी और खेलों में सुशासन लाने के लिए राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक पर संसद में विचार किया जाएगा।
इस अवसर पर दिव्या देशमुख ने कहा कि वह बहुत खुश हैं। उन्होंने कोनेरू हम्पी के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने बहुत अच्छा खेला। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी खुशी यह जानकर हुई कि कोई भी जीते, खिताब भारत ही आएगा। उन्होंने कहा कि फाइनल में भारत का दबदबा रहा, जिसमें दो पीढ़ियों के शतरंज खिलाड़ी आमने-सामने थे और खिताब भारत के नाम रहा।