केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सहयोगात्मक शिक्षा प्रणाली बनाने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया है। श्री प्रधान ने आज नई दिल्ली में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की समीक्षा बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने स्कूली शिक्षा के समग्र विकास के लिए अगले पांच वर्षों के प्रारूप पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण का शिक्षा एक प्रमुख स्तंभ है। उन्होंने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। श्री प्रधान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कार्यान्वयन भारत को एक ज्ञान महाशक्ति में बदलने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान और समावेशी पहुंच को सक्षम करने की कुंजी है। भारतीय भाषाओं में शिक्षा के बारे में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 मातृभाषा और सभी भारतीय भाषाओं में शिक्षा के महत्व पर जोर देती है।