प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सेमीकन्डक्टर उत्पादन में वैश्विक नेतृत्व हासिल करने, आयात पर निर्भरता कम करने और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया। आज सवेरे लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद प्रधानमंत्री ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में भारत के विकास की दिशा तय करने वाले भविष्य के लक्ष्यों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने विनिर्माण, गेमिंग और डिजाइनिंग समेत विभिन्न क्षेत्रों में देश को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने के लिए नवाचार की आवश्यकता पर बल दिया। श्री मोदी ने कहा कि देश के 140 करोड़ नागरिक कंधे से कंधे मिलाकर एक संकल्प लेकर चलें तो हर चुनौती को पार कर देश को 2047 तक विकसित बना सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सदियों पुरानी नालंदा विश्वविद्यालय की भावना को जगाना होगा तथा ज्ञान की परंपरा को आगे बढ़ाना होगा। 2024 के बजट का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं को प्रशिक्षित करने और देश को कौशल विकास का केंद्र बनाने के लिए सरकार की ओर से घोषित कई कार्यक्रमों का जिक्र किया। श्री मोदी ने कहा कि भारत के पास बहुत बडी विरासत है जिसका उपयोग गेमिंग की दुनिया के लिए किया जाना चाहिए। सरकार गेमिंग और एनिमेशन पर जी-जान से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक गेमिंग बाजार में भारतीय पेशेवरों को अग्रणी भूमिका निभानी होगी।
सरकार ईज ऑफ लिविंग के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। उन्होंने निय़मित आंकलन और बुनियादी सुविधाओं में सुधारों से शहरी क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने की बात कही।
प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हरित रोजगार के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पूरा ध्यान अब हरित विकास और हरित रोजगार पर है। श्री मोदी ने एक लाख युवाओं और विशेष रूप से गैर राजनितिक पृष्ठभूमि से आने वाले युवाओं को राजनीतिक व्यवस्था में शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में नए लोगों की भागीदारी से भाई-भतीजावाद और जातिवाद से लड़ा जा सकेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राष्ट्र प्रथम की नीति के अनुसार अनेक सुधार लाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वोकल फॉर लोकल मंत्र देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि का मंत्र बन गया। एक जिला एक उत्पाद का मंत्र लोगों में लोकप्रिय हो रहा है। प्रधानमंत्री ने हाल के समय में प्राकृतिक आपदाओं में बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने इन आपदाओं से प्रभावित लोगों को आश्वासन दिया कि कठिन समय में पूरा देश उनके साथ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाहे वह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम हो, चाहे शिक्षा क्षेत्र हो, परिवहन क्षेत्र हो, कृषि या स्वास्थ्य या कोई अन्य क्षेत्र हो, हम सभी में विश्व की सर्वोत्तम पद्दतियों को शामिल कर आगे बढ रहे हैं। हम हर क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को जोड़ रहे हैं और इस तरह से हम विश्व में एक नई ताकत बनकर उभरे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी नीतियों के कारण सरकार को सभी क्षेत्रों में जन समर्थन मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में बड़े सुधार किये गये हैं। उन्होंने कहा कि हमने बैंकिंग क्षेत्र को संकट से उबारा है और आज भारत के बैंक विश्व के मजबूत बैंकों में शामिल हो गये हैं। श्री मोदी ने कहा कि हमने अंतरिक्ष क्षेत्र को सभी के लिए पूरी तरह खोल दिया है। सैकडों स्टार्टअप्स वाइबरेंट स्पेस बनाने के लिए तैयार हैं और इससे शक्तिशाली राष्ट्र का निर्माण हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार अंतरिक्ष क्षेत्र को मजबूत करने पर पूरा ध्यान दे रही है। श्री मोदी ने कहा कि भारत एक समय आतंकवादी हमलों का शिकार हुआ करता था लेकिन अब उसमें नया साहस और मजबूती है उन्होंने कहा कि देश की सशस्त्र सेनाएं सर्जीकल स्ट्राइक करती हैं तो हर देशवासी को गर्व होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से आजादी के बाद लोगों को किसी भी सहायता के लिए सरकार के आगे हाथ फैलाने पड़ते थे। श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने शासन का मॉडल बदल दिया है और अब सरकार खुद लाभार्थियों तक जाती है। उन्होंने कहा कि आज सरकार लोगों को गैस स्टोव, पानी, बिजली और वित्तीय सहायता दे रही है। श्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्ष में दस करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुडकर वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनी हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं परिवार में नीति निर्धारक बन गई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने देश में स्व्य सहायता समूहों को अब तक नौ लाख करोड़ रूपए दिये हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार के कारण देश में रोष है। महिलाओं के साथ अपराधों की जल्द से जल्द जांच और दोषियों को जल्द सजा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया में दुष्कर्म की घटनाएं तो उजागर होती हैं लेकिन दोषियों को मिलने वाली सजा का ज्यादा प्रचार नहीं होता। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोषियों की सजा का अधिक से अधिक प्रचार होना चाहिए ताकि लोगों में ऐसे जघन्य अपराध करने का भय रहे। प्रधानमंत्री ने देश में सांप्रदायिक नागरिक सहिंता की जगह धर्मनिर्पेक्ष नागरिक संहिता लागू करने पर जोर दिया। श्री मोदी ने राजनीतिक दलों से कहा कि देश में बार-बार चुनाव गतिरोध पैदा कर रहे हैं। हर काम को चुनाव के रंग में रंग दिया गया है। इसलिए एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए सबको आगे आना चाहिए।