सरकार ने बताया है कि न्यायपालिका में न्यायाधीशों के 5600 से ज्यादा पद रिक्त हैं। आज लकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय में दो, उच्च न्यायालय में तीन सौ 64 और जिला एवं अधीनस्थ अदालतों में पांच हजार से ज्यादा पद खाली हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जजों के 160 स्वीकृत पद हैं जिनमें से करीब आधे यानी 79 जजों के पद रिक्त हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले पांच वर्षों में देश भर के विभिन्न उच्च न्यायालयों में लगभग 500 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है।
श्री मेघवाल ने कहा कि मौजूदा रिक्तियों को शीघ्र भरने के लिए हरसंभव प्रयास किये जाते हैं। उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति, इस्तीफे या पदोन्नति के कारण न्यायाधीशों की रिक्तियाँ होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि, संवैधानिक अदालतों के न्यायाधीशों की नियुक्ति कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच एक सतत प्रक्रिया है। इसके लिए राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर विभिन्न संवैधानिक अधिकारियों से परामर्श और अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री मेघवाल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में 19 हजार 500 से अधिक मामले और विभिन्न उच्च न्यायालयों में 27 लाख से अधिक मामले पांच साल से अधिक समय से लंबित हैं।