सरकार ने कहा है कि केंद्र सरकार में लेटरल एंट्री दशकों से चली आ रही है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी 1971 में लेटरल एंट्री के ज़रिए सरकार में आए थे, जब उन्हें विदेश व्यापार मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया था।
इसमें कहा गया है कि सैम पित्रोदा को 80 के दशक में राजीव गांधी के प्रशासन के दौरान भारत सरकार में लाया गया था। पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार बिमल जालान, कौशिक बसु और रघुराम राजन लेटरल एंट्री के ज़रिए ही आए थे।
इसमें बताया गया है कि मोंटेक सिंह अहलूवालिया को शिक्षाविदों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से सरकारी भूमिकाओं में लाया गया था और उन्होंने 2004 से 2014 तक योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में काम किया। इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी को 2009 में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण-यूआईडीएआई का प्रमुख नियुक्त किया गया था।