पिछले साल अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में देश के कोयला आयात में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में कोयला आयात 15 करोड चालीस लाख टन से गिरकर 14 करोड 90 लाख टन रह गया है।
कोयला मंत्रालय ने बताया है कि देश की बढती अर्थव्यवस्था में कोयला क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्थान है।
मंत्रालय ने कहा है कि देश में कोयले की मांग और आपूर्ति में बडा अंतर है। इसलिए इस्पात जैसे उद्योगों के लिए कोयला आयात अनिवार्य है। मंत्रालय के अनुसार सरकार लगातार घरेलू उत्पादन बढ़ाने और कोयले की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने के उपाय करती है।
इसका उद्देश्य कोयला आयात घटाना और देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती देना है।