भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिजिटल भुगतान लेनदेन के प्रमाणीकरण पर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश अगले वर्ष पहली अप्रैल से प्रभावी होंगे। बैंक ने कहा कि डिजिटल भुगतानों में कम से कम एक परिवर्तनशील प्रमाण, जैसे पासवर्ड, ओटीपी या फ़िंगरप्रिंट का उपयोग करना होगा। जोखिम-आधारित जाँच, अंतर-संचालन और जारीकर्ता के दायित्वों पर भी बल दिया गया है।
इसके अतिरिक्त, पहली अक्तूबर, 2026 तक, कार्ड जारीकर्ताओं को सीमा-पार लेनदेन के लिए जोखिम-आधारित व्यवस्था लागू करना होगा। इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य भारत की तेज़ी से बढ़ती डिजिटल भुगतान व्यवस्था में सुरक्षा को बढ़ाना है।