प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में नीति आयोग में प्रमुख अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों से बातचीत की। बातचीत मुख्य रूप से आत्मनिर्भरता और संरचनात्मक बदलाव: विकसित भारत का एजेंडा विषय पर हुई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने 2047 की ओर भारत की विकास यात्रा के मुख्य स्तंभों का उल्लेख किया। विकसित भारत को समग्र राष्ट्र की आकांक्षा बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य सरकार की नीतियों में परिलक्षित होता है। उन्होंने वैश्विक क्षमता निर्माण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मिशन मोड में सुधारों पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने दीर्घावधि विकास के लिए विभिन्न सेक्टर में मिशन मोड में सुधारों का आह्वान किया। श्री मोदी ने कहा कि भारत का नीति निर्माण और बजट प्रक्रिया 2047 के लक्ष्य के अनुरूप होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने भारत को वैश्विक कार्यबल और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए महत्वपूर्ण केन्द्र बनाने पर बल दिया।
बातचीत के दौरान अर्थशात्रियों ने विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में उत्पादकता और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के बारे में विचार साझा किए। बातचीत मुख्य रूप से घरेलू बचत, मजबूत बुनियादी ढांचा विकास और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से संरचनात्मक बदलाव तेज करने पर केन्द्रित रही। विशेषज्ञों ने विभिन्न सेक्टर में उत्पादकता बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर विचार किया। भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को और उन्नत बनाने पर भी विचार-विमर्श हुआ। अर्थशात्रियों और विशेषज्ञों का कहना था कि इस वर्ष विभिन्न सेक्टर में सुधार और आने वाले वर्ष में इन सुधारों को और मजबूती देने से भारत तेजी से विकसित अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी तथा शंकर आचार्य, अशोक के. भट्टाचार्य, एन.आर. भानुमूर्ति, अमिता बत्रा और जन्मेजय सिन्हा सहित जाने-माने अर्थशात्री और विशेषज्ञों ने बैठक में भाग लिया।