राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की अध्यक्षता में दो दिवसीय राज्यपाल सम्मेलन राष्ट्रपति भवन में शुरु हो गया है। यह राष्ट्रपति के संचालन में राज्यपालों का पहला सम्मेलन है और सभी राज्यों के राज्यपाल इस बैठक में भाग ले रहे हैं।
उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह तथा केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, अश्विनी वैष्णव और डॉक्टर मनसुख मांडविया भी इस कार्यक्रम में उपस्थित हैं।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय में मंत्रिमंडलीय सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मेलन में शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा है कि उन्होंने आज सुबह राज्यपालों के सम्मेलन में भाग लिया। श्री मोदी ने कहा है कि यह एक महत्वपूर्ण मंच है, जिसमें उन्होंने इस बात पर चर्चा की कि किस तरह से राज्यपाल विकास को बढ़ावा दे सकते हैं और समाज की सेवा कर सकते हैं।
बैठक की कार्यसूची में तीन आपराधिक कानूनों का कार्यान्वयन, उच्च शिक्षा में सुधार और विश्वविद्यालयों की मान्यता तथा जनजातीय क्षेत्रों, आकांक्षी जिलों और विभिन्न खंडों या सीमावर्ती इलाकों जैसे ध्यान देने वाले क्षेत्रों के विकास का मुद्दा शामिल है। इसके अलावा माई भारत, एक भारत श्रेष्ठ भारत और एक वृक्ष मां के नाम तथा प्राकृतिक खेती जैसे कई अभियानों में राज्यपालों की भूमिका पर भी चर्चा होगी। इसके साथ ही राज्यपालों की भूमिका और राज्यों में विभिन्न केन्द्रीय एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय सहित कईं अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी विचार-विमर्श होगा। राज्यपाल विभिन्न अलग-अलग समूहों में इन विषयों पर बातचीत करेंगे।
समापन सत्र में ये समूह राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य प्रतिभागियों के समक्ष अपनी प्रस्तुति देंगे।