प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ के साथ बातचीत की। श्री मोदी तीन दिवसीय जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कल शाम जोहान्सबर्ग पहुँचे।
दोनों नेताओं ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी के पाँच वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय गहनता और विविधता पर संतोष व्यक्त किया। बैठक में रक्षा और सुरक्षा, महत्वपूर्ण खनिज, व्यापार और निवेश, शिक्षा तथा लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गई। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने भारत में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले पर मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना भी व्यक्त की।
सोशल मीडिया पोस्ट में श्री मोदी ने बताया कि बातचीत के दौरान उन्होंने तीन प्रमुख क्षेत्रों रक्षा और सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा और व्यापार पर ज़ोर दिया, जहाँ संबंधों को और आगे बढ़ाने की अपार संभावनाएँ हैं। जिन अन्य क्षेत्रों पर चर्चा हुई उनमें शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान शामिल थे।
प्रधानमंत्री ने दक्षिण अफ्रीकी बहुराष्ट्रीय इंटरनेट और प्रौद्योगिकी कंपनी नैस्पर्स के अध्यक्ष कूस बेकर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी फैब्रिसियो ब्लोसी के साथ भी बैठक की। उन्होंने भारत के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र, आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस, स्टार्टअप और अंतरिक्ष क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने तथा उपभोक्ता बाजार और प्रौद्योगिकी में नए अवसर तलाशने पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि भारत में नैस्पर्स की सफलता व्यापार सुगमता और भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की मजबूती को दर्शाती है।
बाद में, प्रधानमंत्री मोदी ने जोहान्सबर्ग में भारतीय मूल के तकनीकी उद्यमियों और दक्षिण अफ्रीका में बसे भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत की और उनसे भारत के साथ अपने जुड़ाव को और मजबूत करने का आह्वान किया।
सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय मूल के तकनीकी उद्यमियों के साथ उनकी बातचीत सकारात्मक रही और उन्होंने फिनटेक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा उपकरणों आदि जैसे क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों के बारे में चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात की जो विभिन्न सामुदायिक संगठनों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। सोशल मीडिया पोस्ट में श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपने अनुभव साझा किए और विभिन्न क्षेत्रों में भारत की प्रगति की सराहना की। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लोगों के बीच भारतीय संस्कृति की लोकप्रियता को बढ़ाने का भी आग्रह किया जिसमें योग और आयुर्वेद जैसी प्रथाएँ शामिल हैं। श्री मोदी ने युवाओं को महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला की विरासत से जोड़ने में मदद करने के उनके प्रयासों की भी सराहना की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि प्रधानमंत्री ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच मित्रता के ऐतिहासिक बंधनों को मजबूत करने में दक्षिण अफ्रीका में 17 लाख से अधिक प्रवासी भारतीयों के योगदान की सराहना की।
प्रधानमंत्री को चिन्मय मिशन की ओर से एक ‘कलश’ भी भेंट किया गया, जिसमें भारत और दक्षिण अफ्रीका से श्री अन्न या बाजरा शामिल है। उन्होंने कहा कि इसे डरबन के अन्नपूर्णा देवी मंदिर में रखा जाएगा।
श्री मोदी ने दक्षिण अफ्रीका में आयोजित भारत को जानो प्रतियोगिता के विजेताओं से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह प्रतियोगिता हमारे प्रवासी समुदाय के सदस्यों को भारत के इतिहास, संस्कृति और अन्य विषयों के बारे में और अधिक जानने के लिए प्रोत्साहित करती है।