प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक समस्याओं का स्थानीय समाधान ढूंढने पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री ने आज नई दिल्ली में नवगठित अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) की पहली शासी बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने उन बाधाओं की पहचान करने को कहा जो अनुसंधान ईको सिस्टम की राह में बाधा बन रही हैं। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं को दूर करने के लिए कदम उठाएं और शोध को मौजूदा समस्याओं के नए समाधान खोजने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। संस्थानों के उन्नयन और मानकीकरण का आह्वान करते हुए, प्रधान मंत्री ने अनुसंधान और विकास की प्रगति को ट्रैक करने के लिए डोमेन विशेषज्ञों की एक सूची विकसित करने और एक डैशबोर्ड विकसित करने का सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री ने अनुसंधान और नवाचार के लिए संसाधनों के उपयोग की वैज्ञानिक निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, वैज्ञानिक समुदाय को विश्वास होना चाहिए कि उनके प्रयासों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी। अटल टिंकरिंग लैब्स पर प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि इन लैब्स की ग्रेडिंग की जा सकती है। बैठक के दौरान, शासी बोर्ड ने उन विश्वविद्यालयों को जोड़कर हब और स्पोक मोड में एक कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया, जहां अनुसंधान प्रारंभिक चरण में है और उन्हें मेंटरशिप मोड में शीर्ष स्तरीय स्थापित संस्थानों के साथ जोड़ा गया है।
इस फाउंडेशन की स्थापना राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसा पर की गई थी। इसका उद्देश्य देश के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों और अनुसंधान तथा विकास प्रयोगशालाओं में अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढावा देना है। अनुसंधान राष्ट्रीय रिसर्च फाउंडेशन देश में वैज्ञानिक अनुसंधान को उच्चस्तरीय कार्यनीतिक दिशा प्रदान करने वाले एक शीर्ष निकाय के रूप में काम करता है। इस बैठक में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।