भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं के विरोध प्रदर्शन ने प्रमुख राजनीतिक दलों को आंतरिक बदलाव के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस प्रदर्शन के बाद नेपाल में के. पी. शर्मा ओली सरकार का पतन हो गया था। नेपाल की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी, नेपाली कांग्रेस, देश की वर्तमान आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बदलाव के दबाव का सामना कर रही है।
पार्टी के महासचिव गगन थापा और वरिष्ठ नेता शेखर कोइराला के नेतृत्व में सोमवार को एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया। इसमें युवाओं के विद्रोह के बाद पार्टी के पुनर्गठन के लिए एक विशेष अधिवेशन की मांग की गई।
इस बीच नेपाल माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड केंद्रीय समिति की बैठक को आज संबोधित किया। उन्होंने पार्टी पुनर्गठन के लिए चार सूत्री प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव में विभिन्न पार्टी समितियों में अधिकतम युवाओं की नियुक्ति और महिलाओं, दलितों और कमजोर वर्ग का प्रतिनिधित्व बढ़ाना शामिल है।