महाराष्ट्र में मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट के आधार पर बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की कथित फर्जी मुठभेड़ के लिए पांच पुलिसकर्मी जिम्मेदार हैं। आज बम्बई उच्च न्यायालय में रिपोर्ट पेश की गई और न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और डॉ. नीला गोखले की पीठ ने इसे खुली अदालत में पढ़ा।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मृतक आरोपी के साथ विवाद के दौरान पांच पुलिसकर्मियों द्वारा इस्तेमाल किया गया बल ‘अनुचित’ था और बंदूक पर मृतक के उंगलियों के निशान नहीं हैं। आत्मरक्षा में कार्रवाई करने का पुलिस का दावा अनुचित है। इस मामले में आरोपी 23 सितंबर 2024 को मुठभेड़ में मारा गया था।
दावा किया गया था कि अक्षय शिंदे ने एक पुलिसकर्मी की पिस्तौल छीन ली थी और एक पुलिस अधिकारी को गोली मार दी थी, जिसके बाद पुलिस से भागने की कोशिश करने पर जवाबी गोलीबारी में वह मारा गया था।
25 सितंबर 2024 को न्यायालय ने टिप्पणी की कि यह दावा स्वीकार करना कठिन है कि अभियुक्त को घटनास्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारियों द्वारा काबू नहीं किया जा सकता था।