लोकसभा में आज चुनाव सुधारों पर बहस हुई। चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस के राज में कई बार मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण-एसआईआर किया गया था, लेकिन अब विपक्षी दल इस काम पर सवाल उठा रहा है। उन्होंने देश के मतदान ढांचे की तारीफ करते हुए कहा कि आजादी के बाद से सभी को बराबर वोटिंग का अधिकार मिला है।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास किया है, जिसका मकसद लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिए कुल सीटों में से एक-तिहाई सीटें आरक्षित करना है।
श्री मेघवाल ने कहा कि चुनाव केवल राजनीतिक कवायद नहीं है, बल्कि लोकतंत्र का ऐसा उत्सव है, जिसमें करोड़ों लोग भाग लेते हैं। उन्होंने कहा कि देश में चुनाव प्रक्रिया डॉ. बी.आर. आम्बेडकर द्वारा निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार संपन्न कराई जाती है।
चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि उनकी पार्टी वोट बैंक की राजनीति के बजाय राष्ट्र-हित की राजनीति करती है। उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा घुसपैठियों के वोटों से जीतते हैं, इसीलिए वे एसआईआर का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पर अपने कार्यकाल के दौरान अपने फ़ायदे के लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति करने का भी आरोप लगाया।
चुनाव सुधारों पर लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के राहुल गांधी ने मतदाता सूचियों में दोहरे मतदाताओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने बिहार में एस.आई.आर पर निर्वाचन आयोग से सवाल किया, और आरोप लगाया कि मतदाता सूचियों में एक लाख 20 हज़ार डुप्लीकेट फ़ोटो हैं। चुनाव सुधारों पर श्री गांधी ने कहा कि सभी पार्टियों के लिए मतदान से एक महीने पहले मशीन से पढ़ी जा सकने वाली मतदाता सूचियों की ज़रूरत है और उन्होंने सी.सी.टी.वी. फुटेज को नष्ट करने की इजाज़त देने वाले कानून को वापस लेने की मांग की।
इससे पहले, चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि निर्वाचन आयोग को एसआईआर लागू करने के कारण बताने चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में एसआईआर चल रहा है, लेकिन निर्वाचन आयोग के पास एसआईआर करने का कोई कानूनी औचित्य नहीं है। श्री तिवारी ने यह भी सुझाव दिया कि या तो वीवीपैट की पूरी गिनती होनी चाहिए या फिर देश में फिर से मतपत्रों का इस्तेमाल शुरू कर देना चाहिए।
भाजपा के संजय जायसवाल ने कहा कि विपक्ष हाल ही में संपन्न बिहार चुनावों में हुई भारी हार से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए एसआईआर का मुद्दा उठा रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर अपनी सरकार के दौरान वोट चोरी करने का आरोप लगाया।
समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने कहा कि निर्वाचन आयोग निष्पक्ष होने पर ही सुधार संभव हैं। उन्होंने मतदान के लिए फिर से मतपत्रों का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया। श्री यादव ने पूछा कि अगर जर्मनी और अमरीका जैसे तकनीकी रूप से उन्नत देश कागज़ों से मतदान कर रहे हैं, तो भारत ईवीएम का इस्तेमाल क्यों कर रहा है।
तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया को लेकर काम के दबाव के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में कई ब्लॉक स्तर के अधिकारी अपनी जान गंवा चुके हैं।
शिव सेना-यूबीटी के सांसद अनिल देसाई ने कहा कि दलबदल विधेयक नाकाम हो गया है। उन्होंने कहा कि ई वी एम के स्थान पर बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एन सी पी – शरद पवार की नेता सुप्रिया सुले ने चुनाव में हिंसा और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया।
राष्ट्रीय जनता दल सांसद अभय कुमार सिन्हा ने बिहार में चुनाव संचालन पर सवाल उठाए। उन्होंने मांग की कि वी वी पैट पत्रों की स्वतंत्ररूप से जांच कराई जानी चाहिए।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के आम्र राम ने निर्वाचन आयोग में निष्पक्ष सुधारों की मांग की। उन्होंने राजनीतिक दलों के लिए कॉर्पोरेट फंडिंग और सरकार द्वारा चुनाव लड़ाने के लिए धन दिए जाने पर रोक लगाने की मांग की।
केन्द्रीय मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के नेता राजीव रंजन ललन सिंह ने कहा कि निर्वाचन आयोग मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण- एस आई आर कर रहा है और यह एक सही कदम है। उन्होंने कहा कि समूचे विश्व ने देखा है कि भारत में चुनाव निष्पक्ष ढंग से कराए जाते हैं। उन्होंने विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि जब वह किसी राज्य में चुनाव जीत जाते हैं तो ई वी एम सही होता है और जब चुनाव हार जाते हैं तो उन्हें ई वी एम में समस्या लगती है।
टीडीपी के लवू श्री कृष्ण देवरायलु ने भी निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय निकाय चुनावों के लिए एकीकृत मतदाता सूची अपनाने का सुझाव दिया। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अरुण भारती ने विपक्ष को 1980 और 1990 के दशक में बूथ कैप्चरिंग की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि एसआईआर मतदाता सूचियों को साफ करने के लिए किया जाता है और यह राजनीति की असली ताकत को सामने ला रहा है।
शिवसेना के श्रीकांत शिंदे ने कहा कि पारदर्शी चुनावों के कारण दुनिया भारत को लोकतंत्र की जननी मानती है। उन्होंने सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची का सुझाव दिया।
भाजपा के पी.पी. चौधरी ने विपक्ष की आलोचना करते हुए दावा किया कि उनके पास 2014 से पहले ईवीएम को लेकर कोई मुद्दा नहीं था, जब वे सत्ता में थे। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष ने केवल चुनाव में हार का सामना करने के बाद ईवीएम को मुद्दा बनाया है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जिन सदस्यों को आज बहस में बोलने का अवसर नहीं मिला है, उन्हें कल अवसर दिया जाएगा। इसके साथ ही अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।