जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ जिले के पद्दार सब डिवीजन के एक सुदूर गाँव में बृहस्पतिवार को भीषण बादल फटने की घटना में सीआईएसएफ के दो जवानों और मचैल माता मंदिर के तीर्थयात्रियों सहित कम से कम 45 लोग मारे गए हैं। अब तक 120 से अधिक लोगों को बचाया गया है। इनमें से 38 की हालत गंभीर बताई गयी है। कई लोग अभी भी लापता हैं। मलबे और कीचड़ में और लोगों के फंसे होने की आशंका के कारण मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। एसडीआरएफ, पुलिस, सेना और स्थानीय स्वयंसेवकों द्वारा बड़े पैमाने पर बचाव अभियान पहले ही शुरू किया जा चुका है।
अधिकारियों ने जानमाल की सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ की दो नई टीमों सहित और बचाव दल भेजे हैं। चशोती क्षेत्र और नीचे की ओर कई आवासीय घर, छह सरकारी भवन, तीन मंदिर, चार पनचक्की (घराट), दो मवेशी शेड और 30 मीटर लंबा पुल अचानक आई बाढ़ में बह गए और क्षतिग्रस्त हो गए। इस घटना में एक दर्जन से अधिक वाहन क्षतिग्रस्त हो गए या बह गए। बिजली के कई खंभे भी उखड़ गए, जिससे मचैल और चशोती के अलावा आसपास के गांवों और बस्तियों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री डॉ. जतिंदर सिंह, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने घटना पर दुख व्यक्त किया है और घटना में हुई जानमाल की हानि पर शोक व्यक्त किया है।