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सूचना और प्रसारण मंत्री ने सरकारी सेवा में लैट्रल एंट्री से भर्ती करने के मामले में कांग्रेस की आलोचना को पाखंड बताया

सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने सरकारी सेवा में लैट्रल एंट्री से भर्ती करने के मामले में कांग्रेस की आलोचना को पाखंड बताया है। संघ लोक सेवा आयोग ने केन्‍द्र सरकार के मंत्रालयों में संयुक्‍त सचिव, निदेशक और उप-सचिव के 45 पदों पर भर्ती के लिए हाल ही में विज्ञापन जारी किया है। विपक्षी दल इसकी आलोचना कर रहे हैं।

श्री वैष्‍णव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्‍ट में कहा कि लैट्रल एंट्री की अवधारणा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तैयार की गई थी। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2005 में कांग्रेस नेता वीरप्‍पा मोइली के नेतृत्‍व वाले प्रशासनिक सुधार आयोग ने विशेषज्ञों की कमी को पूरा करने के लिए ऐसी भर्ती की सिफारिश की थी। श्री वैष्‍णव ने यह भी कहा कि राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन-एनडीए सरकार ने इस सिफारिश को लागू करने की पारदर्शी व्‍यवस्‍था की है और ये भर्तियां संघ लोक सेवा आयोग के माध्‍यम से निष्‍पक्ष रूप से की जाएंगी। उन्‍होंने कहा कि इस सुधार से प्रशासन बेहतर होगा।

इससे पहले, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा था कि लैट्रल एंट्री से आरक्षण नीति पर बुरा प्रभाव पडेगा।