भारत ने राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह पर पाकिस्तान की हालिया टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ज़ोर देकर कहा है कि पड़ोसी देश को दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। आज शाम नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “नई दिल्ली इन टिप्पणियों को पूरी तरह से खारिज करता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसका कट्टरता, दमन और अल्पसंख्यकों के साथ व्यवस्थित दुर्व्यवहार का गहरा दागदार रिकॉर्ड है। उन्होंने पाकिस्तान से कहा कि वह अपने अंदर झाँके और अपने मानवाधिकारों के बेहद खराब रिकॉर्ड पर ध्यान केंद्रित करे।”
चीन से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, प्रवक्ता ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है और चीनी पक्ष द्वारा किसी भी प्रकार का इनकार इस निर्विवाद वास्तविकता को बदलने वाला नहीं है। श्री जायसवाल ने दोहराया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखना भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर और समग्र विकास के लिए एक पूर्वापेक्षा है।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अक्टूबर से, दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय नागरिक की हिरासत, चीन की मनमानी कार्रवाई है जो दोनों पक्षों द्वारा आपसी विश्वास और समझ बनाने तथा द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में सहायक नहीं है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण अनुरोध पर, प्रवक्ता ने कहा कि अनुरोध प्राप्त हो गया है और चल रही न्यायिक एवं आंतरिक कानूनी प्रक्रियाओं के तहत इसकी जाँच की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत बांग्लादेश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और स्थिरता सहित वहाँ के लोगों के सर्वोत्तम हित के लिए प्रतिबद्ध है।