जिनेवा में मानवाधिकार परिषद में जम्मू-कश्मीर और मणिपुर को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क की टिप्पणियों को भारत ने दृढ़ता से खारिज कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि श्री अरिंदम बागची ने टिप्पणियों को निराधार और आधारहीन बताते हुए कहा कि वे जमीनी हकीकत को प्रतिबिंबित नहीं करती।
श्री बागची ने इस बात पर जोर दिया कि भारत एक जीवंत और विविध समाज वाला विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। उन्होंने तुर्क के कश्मीर और मणिपुर के संदर्भ तथा जम्मू-कश्मीर के बजाय कश्मीर का उपयोग करने की आलोचना की। श्री बागची ने जम्मू-कश्मीर में भारी मतदान होने, बढ़ते पर्यटन और तेजी से विकास का जिक्र किया।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में मुद्दों के अत्यधिक सरलीकरण और मनमाने ढंग से चयन पर भी चिंता व्यक्त की। श्री बागची ने संयुक्त राष्ट्र अधिकार कार्यालय से एक गहन और कड़ी नज़र डालने का आग्रह किया।
तुर्क की वैश्विक जानकारी में यूक्रेन और गजा सहित विभिन्न वैश्विक संघर्षों को शामिल किया गया, लेकिन पाकिस्तान का उल्लेख नहीं किया गया।