रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-डीआरडीओ के महानिदेशक डॉ. बी. के. दास ने कहा है कि भारत, उन्नत सैन्य तकनीकों में सशक्त क्षमताओं के साथ उभरती शक्ति है।
आज बेंगलुरु में उद्योग साझेदारों की बैठक से अलग मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि डीआरडीओ मिसाइलों, रडारों, सेमीकंडक्टर और चिप्स, माइक्रोवेव, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, लेज़र और ड्रोन के क्षेत्रों में तकनीकों का विकास कर रहा है और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। डॉ. दास ने कहा कि सीमित दूरी वाले सुरक्षा कवच के पहले चरण का परीक्षण और सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया जा चुका है।
दूसरे चरण में, डीआरडीओ लंबी दूरी की निगरानी, उच्च प्रदर्शन वाले रडार, लंबी दूरी के सेंसर और दुश्मन की घुसपैठ का उपग्रह से पता लगाने और सुदर्शन चक्र के विकास पर काम कर रहा है, जो देश को दुश्मन के ड्रोन और मिसाइलों से बचाएगा।
डॉ. बी. के. दास ने स्वदेशी हथियार प्रणालियों में विश्वास रखने के लिए सशस्त्र बलों का आभार व्यक्त किया, जिनकी प्रामाणिकता ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सिद्ध हुई। उद्योग सम्मेलन में डीआरडीओ ने उद्योग साझेदारों को आठ उत्पादों की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए 12 लाइसेंसिंग समझौते सौंपे।
 
									