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अगस्त 5, 2025 8:29 पूर्वाह्न

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भारत ने रूस से तेल आयात का बचाव किया; अमरीका और यूरोपीय संघ की आलोचना को अनुचित और असंगत बताया

 
 
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन संघर्ष के बाद रूस से तेल आयात को लेकर अमरीका और यूरोपीय संघ द्वारा भारत को निशाना बनाना पूरी तरह अनुचित और असंगत है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि किसी भी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था की तरह भारत भी अपने राष्‍ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा के लिए सभी आवश्‍यक उपाय करने को स्वतंत्र है। मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद तेल की पारंपरिक आपूर्ति में व्यवधान आया इसीलिए भारत ने रूस से तेल आयात शुरू किया। मंत्रालय ने कहा कि उस समय अमरीका ने वैश्विक ऊर्जा बाजार की मजबूती और स्थिरता के लिए भारत के आयात का समर्थन किया था। मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि भारत के आयात का उद्देश्‍य भारतीय उपभोक्‍ताओं के लिए निश्चित और सस्‍ती उपलब्‍धता सुनिश्चित करना है। वैश्विक बाजार की अस्थिर स्थिति को देखते हुए ऐसा करना जरूरी है। मंत्रालय ने कहा कि भारत की आलोचना करने वाले देश भी रूस के साथ व्‍यापार कर रहे हैं जबकि उनके राष्‍ट्रीय हित के लिए लिए ऐसा करना अनिवार्य भी नहीं है। 
 
 
मंत्रालय ने कहा कि अमरीका अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम, विद्युत वाहन उद्योग के लिए पैलेडियम तथा उर्वरक और रसायनों का आयात करता रहा है। मंत्रालय ने कहा कि पिछले वर्ष रूस के साथ यूरोपीय संघ का व्‍यापार 67 अरब 50 करोड़ डॉलर मूल्य का था। यह उस वर्ष रूस के साथ भारत के कुल व्‍यापार से कहीं अधिक है। 
 
 
मंत्रालय ने आगे कहा कि यूरोप और रूस के बीच व्‍यापार में केवल ऊर्जा नहीं बल्कि उर्वरक, खनन उत्‍पाद, रसायन, लोहा और इस्‍पात तथा मशीनरी और परिवहन उपकरण भी शामिल हैं। 

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